इस वर्ष अयोध्या में दीपोत्सव के दौरान एक अद्भुत दृश्य देखने को मिला, जब पूरे राम की नगरी में 28 लाख दीयों से जगमगाहट फैलाई गई। इस दीपोत्सव में न केवल भव्य आयोजन हुआ, बल्कि दो विश्व रिकॉर्ड भी बनाए गए, जिसने अयोध्या को एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया। लाखों दीयों के इस प्रकाश पर्व में देश-विदेश से श्रद्धालुओं और पर्यटकों का आगमन हुआ, और दीपों की रोशनी में सराबोर अयोध्या का दृश्य एक ऐतिहासिक क्षण में बदल गया।
प्रमुख बिंदु:
- स्थान: राम की पैड़ी, अयोध्या, उत्तर प्रदेश
- दीयों की संख्या: 28 लाख दीये
- रिकॉर्ड: सबसे अधिक दीयों को एक साथ जलाने का विश्व रिकॉर्ड और एक ही स्थल पर सबसे लंबे समय तक दीयों के जलते रहने का रिकॉर्ड
- उद्देश्य: भगवान राम की नगरी में उनके आगमन की स्मृति को दीयों के साथ श्रद्धांजलि अर्पित करना और संस्कृति का प्रचार करना
आयोजन का महत्व
इस दीपोत्सव का उद्देश्य केवल रिकॉर्ड बनाना नहीं था, बल्कि यह आयोजन भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाने और विश्व को अयोध्या की आस्था से परिचित कराने का एक प्रयास भी था। लाखों दीयों से सजी यह नगरी न केवल एक धार्मिक आयोजन का प्रतीक बनी, बल्कि इसने देश की सांस्कृतिक एकता और समर्पण का भी प्रदर्शन किया।
आयोजन के मुख्य आकर्षण
- राम की पैड़ी पर 28 लाख दीयों की सजावट: राम की पैड़ी पर लाखों दीयों को प्रज्वलित कर एक अद्भुत दृश्य बनाया गया, जिसने आगंतुकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
- गंगा आरती और सांस्कृतिक कार्यक्रम: आयोजन में गंगा आरती के साथ-साथ कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें नृत्य, संगीत और पारंपरिक कला का प्रदर्शन शामिल था।
- पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र: देश और विदेश से आए पर्यटकों के लिए यह दीपोत्सव एक अभूतपूर्व अनुभव बन गया।
आयोजन का समापन
दीपोत्सव का समापन एक शानदार आतिशबाज़ी और भगवान राम को अर्पित प्रार्थना के साथ हुआ। इस अवसर पर अयोध्या की गूंजती आरती और दीयों की रोशनी ने हर किसी के दिल में आध्यात्मिकता का एक नया प्रकाश फैलाया।