परिचय:
भारत के दक्षिण-पश्चिमी तट पर स्थित केरल अपने शांत बैकवॉटर, हरियाली, समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। इसे "ईश्वर का अपना देश" कहा जाता है, और यह प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विविधता का अद्वितीय मिश्रण प्रदान करता है।
भूगोल और जलवायु:
केरल की भौगोलिक स्थिति अद्वितीय है, जहाँ एक ओर पश्चिमी घाट हैं और दूसरी ओर अरब सागर। यहाँ का जलवायु उष्णकटिबंधीय मानसून है, जो इसे एक समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करता है।
पर्यटन:
केरल अपने खूबसूरत बैकवॉटर, चाय बागानों और तटों के लिए प्रसिद्ध है। प्रमुख आकर्षण स्थल:
- अलेप्पी – बैकवॉटर और हाउसबोट अनुभव के लिए प्रसिद्ध।
- मुनार – चाय बागानों और पर्वतीय स्थल का सौंदर्य।
- कोच्चि – सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का केंद्र।
- कुमारकोम – पक्षी अभयारण्य और नाव पर्यटन के लिए प्रसिद्ध।
सांस्कृतिक धरोहर:
केरल की सांस्कृतिक पहचान इसके पारंपरिक नृत्य, त्योहार और कला रूपों से परिपूर्ण है। मुख्य आकर्षण:
- कथकली – पारंपरिक नृत्य-नाट्य शैली, जो अपने विशेष मेकअप और पोशाक के लिए जानी जाती है।
- ओणम त्योहार – दस दिनों तक चलने वाला केरल का प्रमुख फसल त्योहार।
- आयुर्वेद – आयुर्वेद की उत्पत्ति का केंद्र।
साहसिक गतिविधियाँ:
केरल में बैकवॉटर पर्यटन से लेकर पर्वतीय ट्रेकिंग तक कई साहसिक खेल उपलब्ध हैं:
- बैकवॉटर क्रूज – नहरों और लैगून की सुंदरता का अनुभव।
- ट्रेकिंग – लोकप्रिय स्थल जैसे वायनाड और पश्चिमी घाट।
- बीच और वॉटर स्पोर्ट्स – वर्कला और कोवलम बीच पर सर्फिंग और पैरासेलिंग का आनंद।
खानपान:
केरल का खानपान नारियल आधारित और समुद्री खाद्य पदार्थों का एक अद्भुत संयोजन है। प्रसिद्ध व्यंजन:
- अप्पम और स्टू
- केरल सध्या – केले के पत्ते पर परोसा जाने वाला पारंपरिक शाकाहारी भोजन।
- करीमीन पोलिचाथु – केले के पत्ते में पकाई गई मछली।