दिल्ली हाट, आईएनए में आयोजित होने वाला बिहार उत्सव 2025 बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को जानने के इच्छुक हर व्यक्ति के लिए एक अनिवार्य आयोजन है। कला, शिल्प और सांस्कृतिक प्रदर्शनों के इस विविध आयोजन के साथ, यह उत्सव एक यादगार अनुभव प्रदान करेगा। अपने कैलेंडर में तारीख नोट करें और बिहार की जीवंत परंपराओं में डूबने के लिए तैयार हो जाएं!
बिहार उत्सव 2025 बिहार की समृद्ध संस्कृति और विरासत को दिल्ली के दिल तक लेकर आ रहा है। इस वर्ष, यह उत्सव 16 मार्च से 31 मार्च 2025 तक दिल्ली हाट, आईएनए में आयोजित किया जाएगा। बिहार के कारीगर, बुनकर और हस्तशिल्प विशेषज्ञ अपनी अनूठी कृतियों को प्रदर्शित करेंगे, जो visitors को बिहार की पारंपरिक कलाओं का एक प्रामाणिक अनुभव प्रदान करेगा।
कारीगर स्टॉल: 50 से अधिक स्टॉल्स पर बिहार के हस्तशिल्प, जैसे मधुबनी पेंटिंग्स, सुजनी कढ़ाई, टिकुली आर्ट और बांस शिल्प, प्रदर्शित किए जाएंगे। Visitors कारीगरों से सीधे जुड़कर इन पारंपरिक कलाओं की बारीकियों को समझ सकेंगे।
बुनाई प्रदर्शन: बिहार के कुशल बुनकर भागलपुरी सिल्क और टसर सिल्क जैसे प्रसिद्ध वस्त्रों के निर्माण का प्रदर्शन करेंगे। यह प्रदर्शन इन विलक्षण वस्त्रों के पीछे की कला और मेहनत को उजागर करेगा।
सांस्कृतिक प्रदर्शन: उत्सव में बिहार के पारंपरिक नृत्य और संगीत की प्रस्तुतियां होंगी। लोक कलाकार जट-जटिन, झिझिया और बिदेसिया जैसे नृत्यों के माध्यम से बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करेंगे।
पारंपरिक व्यंजन: एक विशेष फूड कोर्ट में बिहार के पारंपरिक व्यंजन, जैसे लिट्टी-चोखा, सत्तू पराठा, खाजा और ठेकुआ, परोसे जाएंगे। Visitors उत्सव के माहौल का आनंद लेते हुए बिहार के स्वादों का आनंद ले सकेंगे।
वर्कशॉप और इंटरएक्टिव सत्र: Visitors मधुबनी पेंटिंग, मिट्टी के बर्तन बनाने और पारंपरिक गहने बनाने पर आयोजित वर्कशॉप में भाग ले सकते हैं। यह सत्र बिहार की कलात्मक परंपराओं को गहराई से समझने का अवसर प्रदान करेंगे।
सांस्कृतिक प्रदर्शनी: प्रदर्शनी में बिहार के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाया जाएगा। प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय से लेकर आधुनिक युग तक की कहानियों को कलाकृतियों, फोटोग्राफ्स और इंटरएक्टिव डिस्प्ले के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा।
प्रामाणिक अनुभव: यह उत्सव दिल्ली की भागदौड़ भरी जिंदगी में बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का अनुभव करने का एक दुर्लभ अवसर प्रदान करता है।
स्थानीय कारीगरों का समर्थन: हस्तनिर्मित उत्पादों को खरीदकर visitors बिहार के कारीगरों का समर्थन कर सकते हैं और उनकी पारंपरिक कलाओं को संरक्षित करने में मदद कर सकते हैं।
सांस्कृतिक विसर्जन: कला, शिल्प, संगीत और नृत्य के माध्यम से यह उत्सव एक व्यापक सांस्कृतिक अनुभव प्रदान करता है।
तिथियां: 16 मार्च से 31 मार्च 2025
स्थान: दिल्ली हाट, आईएनए, नई दिल्ली
समय: सुबह 10:00 बजे से रात 10:00 बजे तक
दिल्ली हाट मेट्रो, बस और टैक्सी से आसानी से पहुंचा जा सकता है। निकटतम मेट्रो स्टेशन आईएनए मेट्रो स्टेशन (पीली और पिंक लाइन) है। कार से आने वालों के लिए पर्याप्त पार्किंग सुविधा भी उपलब्ध है।
आवास: दिल्ली में बजट से लेकर लक्ज़री होटल तक कई आवास विकल्प उपलब्ध हैं।
स्थानीय आकर्षण: बिहार उत्सव के साथ-साथ दिल्ली के प्रसिद्ध स्थलों, जैसे इंडिया गेट, कुतुब मीनार और लोटस टेंपल, की यात्रा भी कर सकते हैं।
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